एक कहानी जो डायरी में समायी हे, तमाम दिल की बाते जो हमेशा खुद से सजाये बैठे कितने दिलोमे हे... कुछ दर्द जो शेयर करना चाहे, फिर भी नहीं कर पाते, खुद की जिंदगी से बेहतर क्या हे? जो हम हमेशा उसी की तलाश में रहते हे...
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जिंदगी
एक कहानी जो डायरी में समायी हे, तमाम दिल की बाते जो हमेशा खुद से सजाये बैठे कितने दिलोमे हे...
कुछ दर्द जो शेयर करना चाहे, फिर भी नहीं कर पाते, खुद की जिंदगी से बेहतर क्या हे?
जो हम हमेशा उसी की तलाश में रहते हे...
पता नहीं, जबाब जो ढूंढने निकला हु, जो आपको भी काम आएंगे, जिंदगी जीने में...
सवाल जो पूछता रहता हु, अल्लाह से जो सबसे बड़ा हे..
जिंदगी ये कहानी बेस्ड हे , क़ुर्रतुलेन काज़ी के जिंदगी पर..
जो की करने निकली हे लड़ाई जिंदगी की, जिसके ख्वाब हमेशा सवाल पूछते हे अल्लाह से, जिंदगी की तमाम जिह्नाते मिलते मिलते, खुद को आजमाते, जिसे मिलती हे खुशिया तमाम।
कहानी के किरदार हे,
क़ुर्रतुलेन क़ाज़ी,
उसकी बहने खुशबु और नजमा,
अम्मी - आलिमा काज़ी ( जो प्रिंसिपल हे बच्चो के स्कूल की )
अब्बू - अशरफ काज़ी (जूनियर क्लेरक, जो के अलग रहते हे इन सब से अपनी दूसरी बीवी और बच्चो के साथ)
हाशिम मुर्तज़ा - (क्लासमेट)
ये पोएम नहीं अफसाना हे, लम्बा चलेगा।।।
इसी लिए बाकि के किरदार वक़्त के साथ आते जायेंगे,...
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